Chana Ki Kheti Kaise Hoti hai: चना की खेती कैसे होती है? यहां पर जाने पूरी जानकारी

Chana Ki Kheti Kaise Hoti hai: चना एक महत्वपूर्ण फसल है जो रवि के मौसम में उगाई जाती है। चना पूरे विश्व भर में किया जाता है, मगर भारत में पूरे विश्व का 70% का उत्पादन करता है। रवि फसल में चैन खेती बहुत ही लाभदायक होती है इसीलिए सभी किसान भाई बहुत ही अच्छे से इसकी खेती करते हैं। वैज्ञानिक नाम ‘सिसर एतिरनम’ है। क्योंकि इसकी खेती कम समय में हो जाती है और ज्यादा मुनाफा भी होता है। आज के समय में बाजार में इसकी काफी ज्यादा डिमांड भी है।

Chana Ki Kheti Kaise Hoti hai

अगर आप भी चन। की खेती करने की योजना बना रहे हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए काफी महत्वपूर्ण है। क्योंकि इसमें जाने की खेती से संबंधित सारी जानकारी दिया गया है। जैसा की चने की खेती कैसे होती है? चना उगने का सही समय कौन सा है? कि जलवायु में इसकी खेती होती है? चना खेती सबसे ज्यादा किस राज्य में की जाती है? इसकी खेती करने में कितनी लागत और मुनाफा होता है? इसके बारे में संपूर्ण जानकारी आपको देखने को मिलेगा। इसलिए इस आर्टिकल को पूरे अंत तक ध्यान पूर्वक जरूर पढ़ें।

Chana Ki Kheti Kaise Hoti hai: चना की खेती कैसे होती है? यहां पर जाने पूरी जानकारी
Chana Ki Kheti Kaise Hoti hai

Chana Ki Kheti Kaise Hoti hai जाने

आज के समय में चना की खेती किसानों के लिए सबसे फायदेमंद का सौदा साबित हो रहा है। इसीलिए सभी किसान भाई इसकी खेती बहुत ही अच्छे से करते हैं बहुत सारी मीठी में इसकी खेती हो जाती है। मगर ज्यादा लाभ के लिए आपको उपयुक्त मिट्टी का चयन करना होगा जिसमें उपित जलवायु का भी उपलब्ध था। अच्छे उत्पादन के लिए सही माना जाता है और उसके साथ बीजों के चयन और सही समय पर इसकी बुवाई होना चाहिए। यह सब होने के बाद आपको देखभाल भी अच्छे से करना होगा। जिसमें उर्वरक डालना पड़ेगा और सिंचाई समय पर करनी होगी तब जाकर आपको अच्छा पेदवार मिलेगा।

भारत में सबसे ज्यादा चैन खेती कहां होती है?

वर्तमान में भारत में चना के मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों में इसकी खेती ज्यादा होती है। और भी राज्यों में इसकी खेती की जाती है। मगर वहां पर इसकी खेती कम मात्रा में होती है। भारत में चने का सबसे अधिक उत्पादन करने वाला राज्य मध्य प्रदेश से जहां पर कुल उत्पादन का लगभग 25.44% का उत्पादन होता है, उसके बाद आंध्र प्रदेश में 15.55% का उत्पादन किया जाता है। एवं भारत विश्व में प्रथम ऐसा देश है जहां पर सबसे ज्यादा चना की खेती की जाती है।

चने की खेती करने का उचित समय

अगर आप भी चना की खेती करना चाहते हैं तो इसका उचित समय होना बहुत जरूरी है। चना की खेती रबी फसल में बुआई जाती है। और रबी फसल में सही समय 15 अक्टूबर से 15 नवंबर तक इसका बुआई हो जाना चाहिए। अगर इस समय के अलावा दूसरे समय पर करते हैं। तो इसकी उपज कम होती है और अनावश्यक वृद्धि का खतरा बढ़ जाता है। वहीं देर से बुआई करने पर सुख कारण पौधे में रोग लगने का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए इसकी खेती करने का सही समय यही है। और इसके जड़ में राइजोबियम नमक कीटाणु पाए जाते हैं जो उर्वरक का काम करते हैं।

चने की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु

आपको बता दे की चेन्नई के पौधे ठंडी जलवायु में अच्छे से विकसित होते हैं। और इस समय सामान्य तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से 30 डिग्री के सेल्सियस के आसपास होती है। और इतना ही चने की खेती के लिए तापमान की जरूरत होती है। इससे कम या ज्यादा होने पर पौधे की वृद्धि में रुकावट पैदा कर सकता है और अच्छा पैदावार नहीं होगा। इसलिए अच्छे अंकुरित और पौधे में जल्दी वृद्धि हो तो किसी जलवायु में आपको चने की खेती करना होगा।

चना फसल की उन्नत किस्में

बाजार में चना की खेती के लिए बहुत सारे बीज उपलब्ध है जिसकी अलग-अलग प्रजातियां होती है काबुली चने की किस्म सूचित क्षेत्र में अच्छे तरीके से तैयार होती है वही स्थानीय किस प्रकार छोटा होता है और इसकी किस्म भारत में ज्यादातर उगाई जाती है।

  • देसी किस्म: जेजी 11, इंदिरा चना, वैभव, हिम, जीएनजी 1581, पूसा 72, पंतजी 114
  • काबुली चने की किस किस्म: मैक्सिकन बोल्ड, बीजी 1053, पूसा 1003

काले चने की खेती कैसे होती है?

काले चने की खेती सामान्य चैन के जैसे ही की जाती है। इसके लिए प्रति हेक्टेयर 30 से 40 किलोग्राम बीच की आवश्यकता होती है। मिट्टी और जलवायु के आधार पर इसे एक या दो पानी की आवश्यकता होगी। और यह चना 120 से 125 दिन के अंदर पक कर तैयार हो जाएगी।

चने की खेती कैसे करें?

  • चने की खेती करने के लिए सबसे पहले आपको खेत में मौजूद पुराने फसल को पूरी तरह से नष्ट करना होगा।
  • इसके बाद खेत की गहरी जुताई करें और उसके बाद खेत में पानी छोड़ दे।
  • दो-तीन दिन के बाद फिर से तिरछी जुटा करें फिर उचित मात्रा में गोबर मिलकर दोबारा जुटा करें।
  • इसके बाद आपको प्रमाणित बीच का चयन करना होगा जो बाजार में उचित मूल्य में उपलब्ध है।
  • यदि बुवाई के समय खेत में नमी न हो तो पहले हल्का पानी लगा दे तथा तीन-चार दिन के बाद बीज बोए।
  • चने की खेती करते समय बी के बीच की दूरी 10 सेंटीमीटर तथा पंक्तियों के बीच की दूरी लगभग 25 सेंटीमीटर होनी चाहिए।
  • बुवाई के तुरंत बाद हल्का पानी देना चाहिए।

चने की खेती के दौरान सिंचाई

अगर आप चने की खेती कर रहे हैं और बी वह दिए हैं तो बीज बोने के 30 से 35 दिन बाद हल्का पानी देना होगा। उसके बाद दूसरी बार दाना बनने के समय देना चाहिए इससे बीच जल्दी पकता है।

चने की पौधों में लगने वाली बीमारियां

चने के पौधों में कई प्रकार की कीटों और बीमारियों से प्रभावित होती है जिस समय रहते निपटाना बहुत जरूरी है। चने की कुछ प्रमुख बीमारियां इस प्रकार है जो नीचे दी गई है:

  • झुलसा रो ग
  • उगता रोग
  • फली छेदक
  • रस्ट
  • दीमक

चने की खेती के फायदे

  • चने की खेती से कई प्रकार के फायदे मिल सकते हैं जिसका विवरण नीचे दिया गया है:
  • चने की खेती से किसानों की आय बढ़ सकती है और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है।
  • चने की खेती कंपनी में भी अच्छे से की जा सकती है।
  • चने में भरपूर मात्रा में प्रोटीन विटामिन खनिज और फाइबर होता है।

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