Kela Ki Kheti Kaise Karen: आज के समय में केले की खेती पूरे देश भर में किया जा रहा है। मगर सबसे ज्यादा अकेला बिहार के मुजफ्फरपुर में किया जाता है। और इसका निर्यात देश-विदेश हर जगह की जाती है। किसान भाई भी बहुत अच्छे से किले की खेती करते हैं। जिससे किसानों को काफी ज्यादा लाभ मिलता है। और मन लगाकर काम भी करते हैं केले के सर्वोत्तम किस्म कौन सी है। कैसे किया जाता है सभी प्रकार की जानकारी आज की इस आर्टिकल में बताया जाएगा। इसलिए आप सब इस आर्टिकल पर अंत तक जरूर बन रहे।
बता दे कि बिहार में इसकी खेती काफी पर्याप्त मात्रा में किया जाता है। और हाजीपुर इसके लिए काफी प्रसिद्ध है, यहां पर कितना ज्यादा केले उगाई जाती है कि पूरे देश में केले की सप्लाई यहीं से की जाती है। इसलिए बिहार केला उत्पादन में काफी आगे चल रहा है।
Kela Ki Kheti Kaise Karen
केले की खेती करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात ध्यान देने वाली है की सबसे पहले आपको अच्छी मिट्टी का चुनाव करना होगा। तभी जाकर आप इस खेत में केले की खेती कर सकते हैं। इसके लिए वैज्ञानिक रूप से भूमि का परीक्षण करने की आवश्यकता होगा तभी जाकर अच्छा उपज प्राप्त हो पायेगा। इसका पीएच मान 6 से 7 के बीच होनी चाहिए यानी मिट्टी अम्लीय होना बहुत जरूरी है।
खेत में जल भराव की समस्या भी नहीं होनी चाहिए। हमेशा सिंचाई की जरूरत होगी मगर जल जमाव नहीं होना चाहिए इन सभी बातों पर खास ध्यान देना होगा। और सबसे खास बात है कि खरपतवार्नशी पर ध्यान देना होगा जिससे किले के पौधे का पत्ता हमेशा हरा भरा रहे।
Kela Ki Kheti से पौधे तैयार कैसे किया जाता है
केले की खेती को तैयार होने में 1 साल का समय लग जाता है, इसलिए समय बचाने और जल्दी आमदनी पाने के लिए आपको टिश्यू कल्चर से तैयार पौधे हैं। लगाने चाहिए ग्रेट नाम किस यानी टिश्यू कल्चर तकनीक से प्राप्त पौधे की ऊंचाई 300 सेंटीमीटर से अधिक होती है। और यह कला काफी जल तैयार हो जाता है टिशु कल्चर की फसल लगभग 1 साल में तैयार हो जाती है।
सबसे बड़ी विशेषता है कि इस विधि से तैयार पौधे की खेती पूरे वर्ष भर की जा सकती है। हालांकि उसकी फसल को अत्यधिक कम या उच्च तापमान से बचाना सबसे महत्वपूर्ण है। क्योंकि केले की खेती करने से पहले हर तरह की जानकारी किसानों को होना बहुत जरूरी है।
केले उगाने के लिए सर्वोत्तम किस्म
केले की खेती के लिए कई उन्नत किस्म बाजार में उपलब्ध है इस संबंध में रोबस्टा के लिए की सिंगापुरी किस खेती के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है। इससे केले की खेती में पैदावार अधिक होती है। इसके अलावा बसराय, बोना, हरि छाल, साल भोग, अर्पण, पुवन आदि प्रकार के किले भी अच्छा माना जाता है। और इसी की खेती सबसे ज्यादा दुनिया में की जाती है। हर जगह के लिए खेती नहीं हो सकती है। इसलिए अलग-अलग किस्म तैयार किया गया है कि जिस प्रकार की मिट्टी जहां पर है। वहां पर उसे तरह केले की पैदावार हो सके।
Kela Ki Kheti के लिए गड्ढे कैसे तैयार करें?
केले की खेती के नियम के अनुसार पौधे रोकने के लिए 45 * 45 * 45 सेंटीमीटर आकर फिगर दे की आवश्यकता होती है। इन गधों को 10 किलोग्राम अच्छी तरह से विघटित कर 250 ग्राम खली और 20 ग्राम कार्बन पुरोनो मिश्रित मिट्टी से भर दिया जाता है। किस तरह से इसकी खेती के लिए गड्ढे तैयार की जाती है। इंतजार गधों को खुला छोड़ देना चाहिए ताकि सूर्य की रोशनी उन पर पड़े।
हानिकारक कीड़ों को मारता रहे मिट्टी को हवलदार बनने में मदद भी करता है। और इस तरह से के लोग खेती में सूर्य की रोशनी और ऑक्सीजन दोनों पर्याप्त मात्रा में मिलता है। और जमीन से खनिज मिट्टी लावण्या भी पर्याप्त मात्रा में मिलने लगता है। इस तरह से इसकी मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ की पूर्ति भरपूर मात्रा में होती है, जिससे केले की पैदावार अच्छा होता है।
Kela Ki Kheti फायदा
केले की खेती को एक फसल तैयार करने में 1 साल का समय लग जाता है। मगर इन समय में जो उत्पादन होता है वह काफी पर्याप्त मात्रा में होती है। जिससे किसी भी किसान के लिए साल भर इनकम से काम नहीं होता है। क्योंकि एक बार जो पैदावार हो जाता है वह बाजार में काफी महंगे दामों में बिक रहा है। जिससे किसानों को काफी ज्यादा मुनाफा होता है इसकी खेती करने में तो 12 महीने का समय लग जाता है।
मगर किसानों को 12 महीने में काफी ज्यादा फायदे का सौदा होता है। क्योंकि आज के समय में बाजार में केले की मांग काफी बढ़ गया है। और बहुत महंगे दामों में के लाभ बिक रहा है। इसलिए किसान को इसकी खेती करने में किसी प्रकार के परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। और सभी किसान भाई मन लगाकर इसकी खेती करते हैं।