Tamatar Ki Kheti Kaise Kare: टमाटर सब्जियों में डालने के लिए एक सबसे अच्छा फल है जिसकी चर्चा हमेशा होती रहती है। क्योंकि बाजारों में इसकी डिमांड काफी ज्यादा है। सभी लोग टमाटर खाना बहुत ज्यादा पसंद करते हैं। इसलिए इसकी कीमत में कभी ज्यादा बढ़ोतरी हो जाती है तो कभी कमी भी हो जाता है। क्योंकि किसान भाई काफी अच्छे से इसकी खेती में रुचि रखते हैं।
खेती से तगड़ा मुनाफा भी होता है कम समय में ज्यादा फायदा होने का कारण लोग बाजार में सालों भर ज्यादा मांग होती है। जिसके कारण सभी लोग इसकी खेती बहुत अच्छे से करते हैं टमाटर में विटामिन, कैल्शियम, आयरन एवं अन्य खनिज तत्व शामिल है।
बहुत से किसान टमाटर की उन्नत खेती करके अच्छा खासा पैसा कमाते हैं। फिर भी कुछ किसान अभी भी नहीं जानते हैं कि टमाटर की खेती सही तरीके से कैसे करें। अगर आप सही तरीके से खेती करेंगे तो उच्च गुणवत्ता वाले टमाटर मिलेंगे और बाजार में उच्च दम पर भेज सकते हैं। और अच्छा खासा पैसा कमा सकते हैं। इसलिए आपको टमाटर की खेती के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त होना चाहिए।
Tamatar Ki Kheti Kaise Kare
किसान भाई और टमाटर की खेती के मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु राज्य में मुख्य रूप से इसकी खेती की जाती है। पंजाब में भी टमाटर खेती होती है, इन राज्यों में किस काम समय में ज्यादा टमाटर का उत्पादन करके ज्यादा पैसा कमा लेते हैं। क्योंकि प्रति एकड़ इसकी काफी ज्यादा मुनाफा हो जाती है। और बड़े पैमाने पर टमाटर खेती किया जाता है, हरियाणा में इसकी बहुत अच्छे से खेती की जाती है जो की आधुनिक सुविधाओं से भी टमाटर खेती करना अब आसान हो गया है।

टमाटर की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी
टमाटर की खेती के लिए जैविक पदार्थ से भरपूर काली दोमट मिट्टी, रेतीली मिट्टी, लाल दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है। और इस खेती में अगर आप टमाटर की खेती करते हैं तो काफी ज्यादा पैदावार का उत्पादन होगा। और अच्छा फल प्राप्त होगा जो बाजार में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। ध्यान रहे कि इस मिट्टी के पीएच मान 7 से 8 होनी चाहिए जिससे आप अच्छा खासा उत्पादन प्राप्त कर सके।
टमाटर की खेती के लिए तापमान
- टमाटर की खेती वर्ष में किसी भी समय किया जा सकता है।
- ज्यादा टमाटर किसी भी जमीन पर उगाई जा सकती है जहां पर सूर्य के प्रकाश मिलना चाहिए।
- टमाटर के बीजों का अंकुरण होने के लिए 25 से 30 डिग्री फारेनहाइट तापमान की आवश्यकता होती है।
- 18 से 30 डिग्री फारेनहाइट तक का तापमान पहले को बढ़ावा के लिए अच्छी होती है।
- उत्तर भारत के राज्यों में हल्की सर्दी अनुकूलन, पौधे की वृद्धि और फल पकाने के लिए अंकुरित होती है।
टमाटर की खेती करने का समय
अगर आप टमाटर की अच्छी खेती करना चाहते हैं तो सही समय पर इसकी बुवाई करेंगे तो अच्छा उत्पादन हो सकता है। टमाटर किसी भी सीजन में बोया जा सकता है। मगर आप खरीद में टमाटर की बुवाई करते हैं तो 10 से 31 जुलाई के बीच करना चाहिए। जबकि रवि में टमाटर की बुवाई 1 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच करेंगे तो ज्यादा उत्पादन होगा। वही जायद या गर्मी में टमाटर की बुवाई 1 फरवरी से 30 अप्रैल के बीच करना चाहिए।
टमाटर की बीज दर प्रति एकड़
- प्रति एकड़ टमाटर की खेती करने के लिए बीज दर 60 ग्राम प्रति एकड़ होना चाहिए।
- टमाटर के 1 एकड़ में कितने पौधे की रोपाई करें
- टमाटर के 1 एकड़ में अब अच्छा खासा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। टमाटर की पौधे से पौधों की दूरी 1 फीट और लाइन से लाइन की तीन फीट की दूरी के अनुसार एक एकड़ में 14520 पौधों की रोपाई कर सकते हैं। वही टमाटर की पौधे से पौधे की दूरी 2 फीट और लाइन से लाइन की दूरी 3 फीट के अनुसार एक एकड़ में 7260 पौधे की रोपाई आराम से कर सकते हैं। मगर आप एक फिट की दूरी पर टमाटर की खेती करते हैं तो अच्छे से टमाटर खेती कर सकते हैं। अगर आप एवरेज दूरी पर टमाटर की खेती करना चाहते हैं तो करीब 10000 पौधों की रोपाई एक एकड़ में आराम से कर सकते हैं। और बहुत अच्छा पैदावार का भी उत्पादन होगा।
टमाटर की नर्सरी कैसे तैयार करें
टमाटर के नर्सरी तैयार करने के लिए सबसे पहले एक-एक कर टमाटर की फसल तैयार करने के लिए नर्सरी को निम्न आकार में रखें। लंबाई 3 से 6 मीटर चौड़ाई 0.6 से 0.7 मी जब की ऊंचाई 0.1 से 0.15 मीटर होनी चाहिए। तब जाकर आपकी नर्सरी बहुत अच्छे से तैयार हो पाएगा। इसके बाद उन क्यारी में गोबर और खाद्य को अच्छी तरह मिला दे इसके अलावा मिट्टी को उचित मात्रा में कार्बो फिरौन से उपचारित करें। ऐसा करने से पौधे का जड़ मजबूत होगा और रोग ग्रस्त होने से बचाया जा सकता है। इसके बाद लगभग 25 से 30 दिनों तक टमाटर के पौधे का रोपण योग हो जाएगा। उसे उखाड़ कर आप टमाटर के रोपण कर सकते हैं।
टमाटर की फसल की सिंचाई
टमाटर की सिंचाई करना सबसे अच्छा अहम भूमिका निभाता है आपको खेत की सिंचाई तभी शुरू कर देना चाहिए। जब पौधे का रोपण होता है और तब तक करना चाहिए। जब तक अंकुरित ना हो जाए और जड़ मजबूत ना हो जाए। क्योंकि इस तरह से आपका पौधा नष्ट होने से बच जाएगा यदि फसल गर्मी के मौसम में है। तो हफ्ते में तीन से चार दिन के माध्यम में पानी देते रहना चाहिए। जब तक फल निकलना शुरू न हो जाए तब तक आपको अपनी हर रोज इस तरह से देना होगा। जब फल या फूल निकलना शुरू हो जाए तो पानी की मात्रा कम कर दे अगर ज्यादा पानी भी देंगे तो फल खराबी हो सकता है। इसीलिए का मंत्र कर दे उसके बाद पानी देना छोड़ भी सकते हैं।